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बगैर सूचना के कर्मचारी छुट्टी पर रहे तो कटेगा उनका वेतन
उज्जैन। नगर निगम आयुक्त पदभार ग्रहण करने के 20 दिन बाद एक्शन में आ गए है। आयुक्त ने लापरवाही बरतने वालों की नकेल कसना शुरू कर दी है। प्रत्येक विभाग-शाखा में जाकर कर्मचारियों की मौजूदगी का वैरिफिकेशन कर रहे हैं। बगैर सूचना के अवकाश पर रहने वाले और कार्य स्थल पर नहीं मिलने वाले कर्मचारियों के वेतन काटे जा रहे हैं। इस दिशा में कार्यवाही भी प्रारंभ हो गई है।
निगमायुक्त अंशुल गुप्ता ने 15 सितंबर को कार्यभार ग्रहण किया था। निगम की प्रारंभिक कार्यप्रणाली को समझने के बाद वे विभागीय स्तर पर कामकाज का रिव्यू तो कर ही रहे है। अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति पर भी जोर दे रहे हैं। निगमायुक्त गुप्ता ने रिव्यू मीटिंग के दौरान अधिकारियों को बताया कि उन्होंने निगम मुख्यालय में निरीक्षण के दौरान बिना सूचना दिए दफ्तरों में नहीं आने वाले कर्मचारियों का अवकाश भी लगवाया है। निगम आयुक्त गुप्ता ने कहा नगर निगम की पहचान लोगों के बीच समय सीमा में काम करने पर होती है और हमें अच्छे कार्य करके लोगों को दिखाना चाहिए। मैं हमेशा परिवार के एक मुखिया के रूप में नगर निगम के साथ खड़ा रहूंगा। अच्छे कार्य पर सराहना सम्मान मिलेगा तो गलती भी कतई बर्दाश्त नहीं होगी।
यह बात नगर निगम में पदस्थ कर्मचारियों में से 25 फीसदी रोजाना ड्यूटी पर नहीं आते हैं। हाजिरी रजिस्टर में भी कर्मचारियों के हस्ताक्षर चार-पांच दिन से नहीं हो रहे हैं। जब निगमायुक्त गुप्ता कक्षों में घूम घूम कर कर्मचारियों की उपस्थिति को चेक की तो 25 फीसदी कर्मचारी ड्यूटी पर नहीं मिले। यह देख आयुक्त ने उन सभी कर्मचारियों का अवकाश लगवाया जो आए दिन छुट्टी बनाने की आदत से लिप्त हैं।
नगर निगम के इन विभागों में कर्मचारी गायब मिले
स्थापना शाखा, गोपनीय शाखा, सम्पत्तिकर शाखा, शिल्पज्ञ शाखा, अन्यकर विभाग के साथ २० विभागों में आयुक्त ने जाकर जायजा लिया। बिना सूचना नहीं आने वाले 25 फीसदी कर्मचारियों का अवकाश लगवाया।